आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और पीएम मोदी की जीत को लेकर दिए गए एक बयान के बाद राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की जीत को लेकर दिए गए कल्याण सिंह के बयान को चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है। चुनाव आयोग इस मामले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संज्ञान में लाने के लिए एक पत्र लिखेगा। कल्याण सिंह के इस बयान पर कई राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई थी।
भाजपा ने अलीगढ़ से दोबारा उम्मीदवार के रूप में सतीश गौतम के नाम की घोषणा की। इसको लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी और उस दौरान ही 23 मार्च को अलीगढ़ में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा था, ‘हम सभी भाजपा कार्यकर्ता हैं और हम चाहते हैं कि बीजेपी ही चुनाव जीते। हम चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें ये देश के लिए बहुत जरूरी है।
कल्याण सिंह के इस बयान पर देश की सियासत गरमा गई थी। विपक्षी दलों ने कल्याण सिंह के इस बयान पर आपत्ति जताई थी। जबकि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर कहा था, ‘राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद होता है, एक लोकतंत्र में राज्यपाल को निष्पक्षता और सभी पार्टियों के दूरी बरकरार रखने की उम्मीद की जाती है।’चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी।
इससे पहले 90 के दशक में किसी राज्यपाल द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला प्रकाश में आया था। उस वक्त हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल गुलशेर अहमद को मध्य प्रदेश में उनके बेटे सईद अहमद के लिए चुनाव प्रचार करते पाया गया था। चुनाव आयोग ने इस पर आपत्ति जताई थी और इसको लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद गुलशेर अहमद को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।